Beauty Tips - सौन्दर्य प्रसाधन आइटम लिस्ट

cosmetic item list 
आज के दौर में हर व्यक्ति सुन्दर दिखना चाहता है। भीड़ से अलग, आकर्षण का केन्द्र बनना चाहता है। सौन्दर्य की चाह मनुष्य का स्वाभाविक शौक है। नारी में इस गुण की प्रबलता पाई जाती है। सुन्दर दिखने के लिए ही शरीर को आकर्षक बनाने का हर सम्भव प्रयास किया जाता है। आज के युग में नारी और शृंगार एक-दूसरे के पर्याय बन गए।

स्त्रियों को सजना-संवरना, पुरुषों का शारीरिक सौष्ठव पर ध्यान देना, कोई आज की बात नहीं, यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। हड़प्पा और मोहन जोदड़ो की खुदाई से प्राप्त सामग्रियों से सौन्दर्य प्रसाधनों पर प्रकाश पड़ता है। बालों को सँवारने के लिए कंघियों का इस्तेमाल किया जाता था। आँखों की सुन्दरता के लिए लोग आँखों में अंजन लगाते थे। आभूषणों के प्रयोग तथा नाना प्रकार के प्रसाधनों द्वारा मनुष्य अपने शरीर को सुन्दर बनाता था।

आधुनिक युग में शारीरिक सौन्दर्य की देखभाल और शरीर की उचित रख-रखाव के लिए शहरों में ब्यूटी पार्लरों की स्थापना तेजी से विकास पा रही है, परन्तु आज के व्यस्तम जीवन में गृहणियों के पास समयाभाव होने के कारण ब्यूटी पार्लर जाना कठिन ही नहीं अपितु खर्चीला भी पड़ता हर सौन्दर्यप्रिय महिला को सौन्दर्य सम्बन्धी कोई-न-कोई शिकायत अवश्य होती है। सौन्दर्य सम्बन्धी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक की रचना की गई है।

इस पुस्तक के माध्यम से आप घर बैठे आधुनिक युग के सम्पूर्ण आधुनिक प्रसाधनों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सौन्दर्य प्रसाधन के लिए हर्बल अर्थात् जड़ी बूटियों, वनस्पतियों, घरेलू उपयोग में आने वाली चीजों का तथा ऐसी सामग्री का सहारा लिया गया है जो सहज और सरल रूप से उपलब्ध तो हो ही सके, साथ ही महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और समय की बचत होती है।

सौन्दर्य प्रसाधन हेतु आवश्यक सामग्री

प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से हम आपको शृंगार की जानकारी दे रह अत : मेकअप हेतु सौन्दर्य प्रसाधनों के उचित रख-रखाव के लिए सर्वप्रथ ड्रेसिंग टेबुल ( शृंगार मेज ) की आवश्यकता होती है। इसमें आप अपने सौन्दर्य प्रसाधनों को सहेज कर रख सकती हैं। ऐसा होने पर सौन्दर्य प्रसाधन की चीजें एक स्थान पर रखी होने के कारण सरलता से मिल जायेंगी और ढूँढने में समय भी नष्ट नहीं होगा।

यह आवश्यक नहीं कि आप ड्रेसिंग टेबुल महँगी खरीदें। एक शेल्फ और उसमें लगा एक बड़ा दर्पण आपकी जरूरते पूरी कर सकती हैं। शेल्फ में मेकअप की समस्त सामग्री सँवार कर रख सकती हैं और दर्पण मेकअप करते समय देखने के काम आयेगा। सुविधा की दृष्टि से ड्रेसिंग टेबुल को रखने के लिए बैडरूम उपयुक्त स्थान होता है।

मेकअप करते समय प्रकाश का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ड्रेसिंग टेबुल ऐसे स्थान पर रखी होनी चाहिए जहाँ पर्याप्त प्रकाश आता हो। उचित होगा यदि ड्रेसिंग टेबुल के दर्पण के पीछे से प्रकाश आये ताकि चेहरा देखते समय कोई असुविधा न हो और मेकअप का सही रिजल्ट समझा जा सके। आपको रात में भी मेकअप की आवश्यकता पड़ सकती है इसके लिए दर्पण के ऊपर एक बल्ब लगवा लें जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि मेकअप के लिए पर्याप्त प्रकाश का होना आवश्यक है।

मेकअप करने से पूर्व शीशे को गीले कपड़े से साफ करना चाहिए, फिर सूखे कपड़े से पोंछ लेना चाहिए। सफाई ऐसी हो कि शीशे पर दाग न रह पाये। अधिक उपयोग होने वाली सौन्दर्य सामग्री को दायीं तरफ रखें और कभी-कभी प्रयोग में आने वाली सामग्री बायीं ओर अथवा ड्राज में रख सकती हैं। सामने का भाग बिल्कुल खाली रखें।

यदि आप कीमती ड्रेसिंग टेबुल खरीदने में समर्थ है तो उसमें लगी सनमाइका का रंग और डिजाइन बैडरूम में रखे पलंग से मेल खाता होना चाहिए। इसी तरह ब्रुश और कंधे एक ही रंग के खरीदे, इससे आपका बैडरूम खिल उठेगा। ड्रेसिंग टेबुल का शीशा बढ़िया किस्म का होना चाहिए, तभी त्वचा पर मेकअप की बारीक कमियाँ भी दिख पायेगी और आप उन्हें दुर कर सकेंगीं। ड्रेसिंग टेबुल तीन शीशो वाली हो तो और अच्छा है यह भी है। केश सज्जा के समय आप अपने जूड़े वगैरह तथा हेयर आसानी से शीशे में देख सकती हैं।

ड्रेसिंग टेबुल के रंग से मेल खाता एक स्टूल बनवा लें। इसकी ऊंचाई ड्रेसिंग टेबुल की ऊँचाई के अनुपात में होनी चाहिए। इससे आपको बैठने में सुविधा रहेगी। जहाँ तक सम्भव हो स्टूल को ड्रेसिंग टेबुल के सामने रखें, यदि जगह की कमी हो तो जहाँ उचित समझे वहाँ रखें।

यदि ड्रेसिंग टेबुल की सुविधा नहीं है तो दीवार पर लटकते शीशे से भी काम चलाया जा सकता है पर इस बात का ध्यान रखें कि शीशा इतनी ऊंचाई पर लटकाना चाहिए कि सीधे खड़े होने पर चेहरा साफ नजर आये।

प्रमुख सौन्दर्य प्रसाधन की वस्तुओं का विवरण तथा उनसे सम्बन्धित जानकारी निम्न प्रकार है-

स्वयं को सुन्दर, आकर्षक बनाने के लिए सबसे पहले आपको यह जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए कि कौन-कौन से सौन्दर्य प्रसाधनों को प्रयोग में लाया जाता है। अत : इस सम्बन्ध में रंग-रूप को निखारने में सहायक सिद्ध हो सकने वाले उपकरणों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-

1. क्लीनजिंग मिल्क : यह दूध जैसा एक तरल पदार्थ होता है। जो त्वचा पर जमे हुए धूल व गन्दगी के कणों को हटाकर त्वचा की सफाई करने में सहायक सिद्ध होता है। इसे रूई के फाहे से या स्पंज की सहायता से चेहरे की त्वचा पर लगाकर धीरे-धीरे मला जाता है। बाद में टीश्यू पेपर या रूई की सहायता से साफ कर दिया जाता है। चेहरे का सारा मैल फाहे में आ जाता है। तैलीय त्वचा के लिए यह अधिक उपयोगी सिद्ध होता है।

2. क्लीनजिंग क्रीम : यह भी क्लीनजिंग मिल्क की तरह काम आती है 1 शुष्क त्वचा वाली महिलायें इसका खुलकर उपयोग करती हैं। यह उँगुली के पोरो की सहायता से चेहरे पर तथा झुर्रियों वाले अन्य हिस्सों पर लगाई जाती है। जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है ' क्लीनजिंग ' यह चेहरे पर मेकअप करने से पूर्व सफाई करने के उद्देश्य से लगाई जाती है।

3. किन रॉषिक : जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है स्किन फूड अर्थात् त्वचा का भोजन यह त्वचा को स्निग्ध और मुलायम बनाता है। यह तरल पदार्थ होता है  इसे लगाने से पूर्व क्लीनजिंग मिल्क से चेहरे को भलीभांति साफ कर लेना चाहिए। बाद में इसे रूई के फाहे से चेहरे पर लगाया जाता है। इसका मुख्य कार्य चेहरे के रोम छिद्रों को बंद करना है ताकि प्रसाधन त्वचा के भीतर न जा सकें। प्रसाधन त्वचा के भीतर पहुंचकर त्वचा को हानि पहुँचा सकते हैं।

4. ब्लीचिंग क्रीम : इस क्रीम के प्रयोग से साँवली तथा मटमैली त्वचा का रंग निखर जाता है। ध्यान रहे जिनकी त्वचा नाजुक हो उन्हें इसका प्रयोग महीने में केवल एक बार ही करना चाहिए और जिनकी त्वचा कठोर हो वे महीने में दो बार भी कर सकते।

5. नैरेशिंग क्रीम : इस क्रीम के प्रयोग से रूखी-सूखी त्वचा ठीक हो जाती है। यह त्वचा को पुष्ट रखती है। इसे हाथ-पैरों पर भी लगा सकते। इसके प्रयोग से हाथ-पैर कोमल बने रहते हैं। यह कुछ कम तैलीय है। ग्रीष्म ऋतु में इसका प्रयोग अधिक लाभकारी रहता है।

6. कोल्ड क्रीम : यह त्वचा को शीतलता प्रदान करती है और चेहरे के सौन्दर्य को द्विगुणित करती है। इसका प्रयोग दिन व रात दोनों समय कर सकते हैं। यदि आपकी त्वचा शुष्क ( रूखी ) है तो रात्रि में चेहरे तथा हाथ-पेरों पर इसे मलकर सो जायें। सुबह उठने के पश्चात त्वचा रुखी या खुश्क नहीं दिखेगी।

तथा हाथ पैरों पर इसे मलकर सो जायें। सुबह उठने के पश्चात त्वचा रूखी या खुश्क नहीं दिखेगी।

7. वैनिशिंग क्रीम : इस क्रीम के प्रयोग से आप अपनी त्वचा की गन्दगी को साफ करके उसे चमक प्रदान कर सकते हैं। जिनकी त्वचा के रोम छिद्र हो उनके लिए वैनिशिंग क्रीम सर्वोत्तम है।

8. एस्ट्रेजिंट लोशन : यह एक तरल पदार्थ है। इसे गर्मी के मौसम में इस्तेमाल करना चाहिए। इसका कार्य साफ हो चुके चेहरे के रोमछिद्रों को बन्द करना होता है। यदि साफ हुई त्वचा के रोमों को बन्द न किया गया तो सौन्दर्य प्रसाधन रोमों-कूपों के भीतर प्रवेश कर त्वचा को हानि भी पहुँचा सकते हैं। शुरू में हल्की सी जलन होती है। यह कीलों को दूर करता है। यह तैलीय त्वचा के लिए उत्तम माना जाता है। इसे रूई के फाहे से चेहरे पर लगाया जाता है।

9. फाउण्डेशन क्रीम : चेहरे पर चमक प्रदान करने के लिए फाउण्डेशन लगाया जाता है। यह तरल, क्रीम, स्टिक तीन रूपों में मिलता है। मेकअप आरम्भ करने से पूर्व त्वचा को समतल बनाने के लिए इसे आधार के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह गहरे और हल्के दोनों शेडों में मिलता है। इसे आप अपनी त्वचा से मेल खाता हुआ ही खरीदें। इसे अँगुली के पोरों की सहायता चेहरे और गर्दन पर लगाना चाहिए। इसका प्रयोग मेकअप को स्वाभाविक रूप प्रदान करता है।

10. माइश्चराइजर : यह सफेद क्रीम जैसा होता है। यह अँगुली के पोरों की सहायता से चेहरे पर लगाया जाता है। खुश्क त्वचा पर दिखने वाले सफेद धब्बे इससे छुप जाते हैं। इसका आधार मेकअप को चमक प्रदान करता है।

11. आइक्रीम : आइक्रीम को आँखों की आसपास की त्वचा पर लगाया जाता है। इसे आँखों के आस-पास की त्वचा पर मलने से त्वचा झुर्रियों, झाईंयों से बची रहती है। इसका प्रयोग थोड़ी मात्रा में किया जाता है।

12. पाउडर : फाउण्डेशन लगाने के पश्चात् चेहरे पर पाउडर लगाया जाता है। फाउण्डेशन सूखने पर पाउंडर लगाने से वह चेहरे पर चिपकता नहीं। पाउडर सूखा और जमे हुए दो रूपों में मिलता है। यह सफेद, हल गुलाबी और त्वचा के अनुरूप अनेक रंगों में मिलते हैं। पाउडर और फाउण्डेशन को मेल खाता हुआ ही खरीदें।

13. कम्पैक्ट : जमे हुए पाण्डर को कम्पैक्ट कहते हैं। बाहर जाते समय इसे पर्स में रखकर ले जाया जा सकता है। थोड़ा-थोड़े समय पश्चात् इसको थपथपाकर आप मेकअप को अधिक देर तरोताजा रख सकती

14. रूज : रूज का प्रयोग चेहरे पर रंगत लाने के लिए किया जाता है। यह गालों, को चमक देकर चेहरे को स्वस्थ और कान्ति की छाया प्रदान करता है। यह छोटी डिब्बी में स्टिक, क्रीमी और टिक्की तीनों रूपों में मिलता है। क्रीमी को अँगुली के पोरो से और टिक्की को पफ की सहायता से लगाया जाता है। दिन में इसका हल्का शेड तथा रात में गहरा शेड लगायें।

15. आइलाइनर : इससे पलकों के नीचे व ऊपर बारीक-सी रेखा खींचकर आँखों की सुन्दरता बढ़ाते है। इसे ब्रुश की सहायता से लगाया जाता है।

16. आई ब्रुश : इसकी सहायता से भौहों के बालों को रंगा जाता है विभिन्न आकारों में आते हैं। यह

17. मस्कारा : मस्कारे का प्रयोग पलकों के बालों को सुन्दर व काला व स्पष्ट बनाने के लिए किया जाता है। यह काले, भूरे व नीले रंग का होता है। लगाने से पूर्व इसमें पानी डाल लेना चाहिए।

18. आई शैडो : यह न केवल आँखों के रंग को प्रभावित करता है अपितु स्वभाविक और अभिव्यक्ति को एक नया मोड़ दे देता है।

19 . फिक्सर : इसे नकली बरोनियों की जड़ों पर लगाया जाता है ताकि यह असली बरोनियों की जड़ों से चिपक जायें।

20 . काजल और सुरमा : काजल पूर्ण रूप से भारतीय सौन्दर्य प्रसाधन है। आँखों को सुन्दर आकर्षक व स्वस्थ रखने के लिए इसका प्रयोग करते हैं।

21. लिपस्टिक : होठों का गुलाबीपन अच्छे स्वस्थ रक्त की शुद्धता का प्रतीक है। होठों को सुन्दर व स्वस्थ प्रदर्शित करने के लिए लिपस्टिक का प्रयोग करते हैं। यह विभिन्न प्रकार के रंगों में उपलब्ध है।

22. लिपब्रुश : होठों पर लिपस्टिक सदैव ब्रुश की सहायता से लगानी चाहिए। इसकी सहायता से आप अपने होंठों को सही आकार प्रदान कर सकती हैं।

23. लिपग्लास : इसे लिपस्टिक के ऊपर लगाया जाता है। यह लिपस्टिक को चमक प्रदान करता है। यह मुख्य रूप से तीन रंगों में मिलती हैं- लाल, कत्थई, गहरा भूरा। चूँकि यह गहरे रंग का होता है अतएव सदैव गाढ़े रंग की लिपस्टिक पर ही लगाई जाती है।

24. टिश्यु पेपर : यह मुलायम, सफेद कागज-सा होता है। चेहरे पर क्रीम आँखों पर आईक्रीम अधिक लगने पर पोंछने के काम आता है।

25. हैण्ड लोशन : सर्दी के मौसम में अक्सर हाथ फट जाते हैं। फटे हाथों को हैण्ड लोशन लगाकर मुलायम, सुन्दर बनाया जा सकता है। इससे त्वचा में चमक आ जाती है। पैरों की फटी त्वचा को ठीक करने के लिए भी हैण्ड लोशन प्रयोग में लाया जा सकता है।

26. वैक्स : यह एक प्रकार का तरल गाढ़ा पदार्थ होता है। यह गर्म और ठण्डा दोनों प्रदान का होता है। इसके प्रयोग द्वारा बाहों और टाँगों के अनावश्यक बालों को दूर किया जाता है।

27. नेलपॉलिश : वह नाखूनों को रंगने का एक तरल पदार्थ है। बाजार में विभिन्न प्रकार के रंगों में उपलब्ध है . यहाँ तक कि सफेद रंग के भी उपलब्ध है। सफेद रंग की नेलपॉलिश द्वारा गाढ़े रंग की नेलपॉलिश को हल्का किया जा सकता है। नेलपॉलिश सदैव कपड़ों से मेल खाती हुई लगानी चाहिए। नेलपॉलिश नाखूनों पर देर तक रहे इसके लिए टॉप कोट अवश्य लगायें।

28. नेलपॉलिश रिमूवर : इसका प्रयोग नेलपॉलिश को नाखूनों से छुड़ाने लिए किया जाता है। नेल पालिश के एक रंग पर दूसरा रंग उभरेगा नहीं अत : पहले लगाये हुए रंग को नेल रिमूवर द्वारा हटाया जाता है ताकि इच्छित नेल पॉलिश का रंग ठीक प्रकार से खिले।

29. शैम्पू : शैम्पू से बाल धोने पर उनमें नई चमक और जान आ जाती है। शैम्पू के बाद बाल धोने पर किसी अन्य वस्तु की आवश्यकता नहीं पड़ती।

30. कॉटन वूल : यह नाखूनों से नेल पॉलिश छुड़ाने, एस्ट्रिन्जर लगाने, फाउण्डेशन लगाने, मेकअप को हल्का करने और उसे एक-सा करने के काम आती है।

31. ओरेंज स्टिक : इस लकड़ी की बनी छोटी-सी स्टिक से नाखूनों में भरा मैल सरलतापूर्वक साफ किया जा सकता है। नेलपॉलिश नाखूनों के आस-पास फैलने पर ओरेंज स्टिक पर रूई लपेटकर उसे नेलपॉलिश रिमूवर में भिगोकर, फिर फालतू नेपलपॉलिश को छुड़ाया जा सकता है।

32. हेयर ब्रुश : यह बालों को सँवारने के काम आता है। कंघा खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इसके तार आगे से गोल हों।

33. हेयर पिन रोलर्स : केश-सज्जा में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। जूड़ा बनाकर उसे हेयरपिन द्वारा सेट किया जाता है। कटे बालों को रोलस की सहायता से भी विभिन्न प्रकार से सजाया जाता है। रोलर्स की सहायता से बालों को घुँघराला किया जाता।

34. हयर स्प्रे : बाल सेट करने के पश्चात हेयर स्प्रे करने से बाल जम जाते हैं और वे बिगड़ते नहीं। उत्सव आदि विशेष अवसर पर ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए।

35. बिन्दी : जिस प्रकार एक अंक के आगे शून्य लगा देने से संख्या दस गुनी हो जाती है, उसी प्रकार चेहरे का शृंगार करने के पश्चात् माथे पर लगाई बिन्दी से चेहरे का सौन्दर्य दस गुना बढ़ जाता है। बिन्दिया केवल सौन्दर्य के लिए नहीं बल्कि सुहाग का प्रतीक भी है। बाजार में बिन्दी दो रूपों में उपलब्ध है- 1. गीली बिन्दी, 2. सूखी बिन्दी।

कपड़ों से मेल खाती बिन्दी बहुत सुन्दर लगती है। विशेषकर लाल रंग की गोल बिन्दी सबके माथे पर खिल जाती है।

36. ड्यूडोरेन्ट लोशन : बगल में पसीने की रोकथाम के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यह एक सुगन्धित पदार्थ है। स्नान के पश्चात्, बगल को रोम रहित कर इसका प्रयोग करें। इससे बगलों में बदबू नहीं आयेगी।

37. परफ्यूम : यह एक सुगन्धित द्रव्य है। इसे पूर्ण शृंगार करने के पश्चात् कान के पीछे, गले, कुहनी आदि के आसपास स्प्रे किया जाता।

38. खिजाब : इसका प्रयोग, सफेद बालों को काला रंगने के लिए किया जाता है।

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